Monday, April 10, 2017

The Myriad Shades of Anonymity

कुछ किरदार दिए हैं शायद खुदा  ने 
हमें निभाने के लिए 

चन्न लम्हे याद रखने के लिए 
कुछ ग़म भुलाने के लिए।  

खुद से पर्दा किया हुआ है जाने कब से 
मालूम नहीं 
हम वो नहीं हैं जो हम हैं ज़माने के लिए।  

थी बेपरवाही या लापरवाही हमें मालूम नहीं 
पर अब बचे ही नहीं कोई रिश्ते निभाने के लिए।  

ज़िन्दगी जीने के लिए उसे समझना ज़रूरी नहीं है
पर ज़िन्दगी लग जाती है यह बात समझने और समझाने के  लिए

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